EC ANWAR KHAN
सूरजपुर – ज़ी हां हास्य कवि सूंदर मालेगावी ने जो यह बात हास्य में कहीं है, ठीक वैसा ही मामला सूरजपुर नगर में देखा जा सकता है।
चलिए दो चार ऐसे घटनाओं से आप को रू- ब- रू कराते चलते हैं।नशे का कारोबार,,
नशे का कारोबार जब जिले के एसपी आर, के,साहु थे तो जबरदस्त लगाम लगा हुआ था उन्होंने अपने कार्य काल में सभी मेडिकल स्टोर के संचालकों बाकायदा मिटींग लेकर समझाइश दी थी,कि बिना डाक्टर के लिखित पुर्जा के किसी भी शख्स को कोई भी दवाई ना दिया जाए, जिससे नशीली दवाओं के विक्रेताओं को कहीं से भी ये दवा उपलब्ध नहीं हो पाती थी, जिससे नशीली दवाओं के खरीदी बिक्री में भारी गिरावट आई थी। परंतु अब ठीक मामला उल्टा पड़ा हुआ है, पुलिस प्रशासन समाचार प्रकाशन के बाद भी इस विषय में ना तो अपनी कोई रूचि दिखा रही है,ना ही इतने बड़े मामले को संज्ञान में लिया जा रहा है। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि नशे का यह कारोबार को किसकी शह प्राप्त है ।
हर बार आरोपी अंधेरे का फायदा उठा कर फरार हो जाता है,,
नशीली दवाओं के कई मामलों में पुलिस ने कुछ आरोपियों को पकड़ा है, परंतु हर बार नशीली दवाओं का सरगना अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो जाता है, जिसके लिए इन अधिकारियों को 15 अगस्त और 26 जनवरी में इनके उत्कृष्ट कार्य के लिए बाकायदा ईनाम भी दिया जाता है।
वार्ड क्रमांक 07 में सुबह से ही नशीली दवाओं की बिक्री हो जाती है शुरू,,,
वार्ड क्रमांक 07 में अल -सुबह से ही नशीली दवाओं का बिक्री शुरू हो जाती है, परंतु पुलिस महकमे एक भी अधिकारी या आरक्षक झांकने तक नहीं आता है, जिससे मामला साफ हो जाता है कि, बिना किसी के शह के नशीली दवाओं के विक्रेता इस काम को अंजाम नहीं दे सकते ,,,आज वार्ड के बच्चों का भविष्य अंधकारमय है,वो जैसा वार्ड में देख रहे हैं कल को वो भी इसी सिख को अपनाएंगे, कुछ पैसों की चाह में जो नौजवानों की जिंदगी बर्बाद करने पर तुले हैं,उन पर कार्रवाई कब होगी यह देखने वाली बात है।